नई दिल्ली, अप्रैल 16 -- धधकते अंगारों की चादर और उस पर दौड़ लगाते लोग। लोगों की आस कि अंगारों की इस चादर पर चलने से उनकी मन्नत पूरी हो जाएगी और उन्हें मिलेगा आशीर्वाद। भारत जैसे देशों में पूजा-पाठ के नाम पर इस तरह के रस्म निभाए जाते रहे हैं। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में भी एक ऐसी ही आराधना चल रही थी। लोग उत्साह से रस्म को निभा भी रहे थे। हालांकि लोगों का यह उत्साह तब ठंडा पड़ गया जब इन्हीं कोयले के अंगारों पर गिर जाने से एक शख्स की दर्दनाक मौत हो गई। घटना कुयावनकुडी की है। यहां स्थानीय रूप से थीमिधि थिरुविझा के नाम से जाना जाने वाला एक उत्सव मनाया जा रहा था। यह उत्सव सुब्बैया मंदिर के वार्षिक समारोह का हिस्सा है और 10 अप्रैल को शुरू हुआ था। यहां भक्त अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए जलते अंगारों से भरी जगह में नंगे पैर चलते हैं। इंडिया टु...