कुशीनगर, मई 16 -- कुशीनगर। जिले में ऐसे निजी अस्पतालों की भरमार हो गई है, जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। इन अस्पतालों के संचालकों को किसी का भय नहीं है। चिकित्सकीय लापरवाही से जच्चा या बच्चा अथवा दोनों की मौत होने पर परिजन हंगामा करते हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसर पहुंचते हैं। थोड़ी छानबीन होती है और फिर मामला ठंडा हो जाता है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि जिस अस्पताल में जच्चा या बच्चा अथवा दोनों की मौत हुई, जांच-पड़ताल में वह अस्पताल अवैध रूप से संचालित मिला। करीब एक सप्ताह के भीतर घटी जच्चा-बच्चा या गर्भवती महिला की मौत की कुछ घटनाएं तो बानगी मात्र हैं। ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं। घटना के बाद परिजन हो-हल्ला करते हैं तो मामला सामने आता है अन्यथा दबकर रह जाता है। केस-एक पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा ...