लखनऊ, दिसम्बर 22 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी एवं चन्द्रपाल सिंह यादव मयंक की स्मृति में संगोष्ठी हुई। संस्थान के निराला सभागार में हुई संगोष्ठी में वक्ताओं ने दोनों ही लेखकों की साहित्यिक यात्रा प्रकाश डाला। डा. सुरेन्द्र विक्रम ने कहा कि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविताएं बाल मन को आहृलादित कर देती हैं। उनकी कविताएं हमें भावनात्मक रूप से जोड़ती हैं। बाल गीतायन माहेश्वरी जी की काव्य रचनाओं का एक महत्वपूर्ण संग्रह है। द्वारिका प्रसाद बाल साहित्य में महनीय व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने बाल साहित्य को काफी समृद्ध किया। डा. नागेश पाण्डेय ने कहा कि यदि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी साहित्य जगत के सूर्य थे तो चन्द्रपाल पाल सिंह यादव बाल साहित्य जगत के चन्द्र थे। चन्द्र पाल जी ने विवि...