दो साल में ही सपा से क्यों मोहभंग कर बैठे जयंत चौधरी, इन 2 चुनावों में छिपी है 'राइट टर्न' की इनसाइड स्टोरी
प्रमोद प्रवीण, फरवरी 7 -- Lok Sabha Election 2024: पांच साल पहले 2019 में इसी फरवरी महीने में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था और यूपी की 80 लोकसभा सीटों का बंटवारा किया था। सपा 37, बसपा 38 और रालोद ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था। गांधी परिवार की दो सीटों (रायबरेली और अमेठी) पर इस गठबंधन ने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया था। चुनावों में बसपा को 10 सीटें मिलीं, जबकि सपा को पांच लेकिन रालोद का खाता नहीं खुल सका। 2014 में भी रालोद अध्यक्ष अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी चुनाव हार गए थे। इसलिए छोटे चौधरी यानी अजित सिंह को उम्मीद थी कि 2019 का गठबंधन पिता-पुत्र को ना केवल संसद पहुंचाएगा बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटलैंड पर उनकी पकड़ को और मजबूत करेगा लेकिन ऐसा ...
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