नई दिल्ली, सितम्बर 27 -- केंद्र सरकार संसदीय स्थायी समितियों (पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी) के कार्यकाल को एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष करने पर विचार कर रही है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो समितियों के सदस्यों का कार्यकाल इस सत्र से ही दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह कदम संसदीय कार्यों में निरंतरता लाने और विधेयकों तथा रिपोर्टों की गहन जांच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान प्रणाली में हर साल होने वाले पुनर्गठन से कार्यप्रवाह बाधित होता है, जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन अध्ययन अधूरा रह जाता है। वर्तमान समितियों का कार्यकाल 26 सितंबर को समाप्त होने वाला है। संसदीय स्थायी समितियां लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से मिलकर बनी होती हैं, जो विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित विधेयकों की जां...