रांची, जुलाई 15 -- झारखंड हाईकोर्ट ने वैसे सभी अभ्यर्थियों की सहायक आचार्य नियुक्ति में शामिल करने का निर्देश दिया है, जिन्हें दो वर्षीय बीएड कोर्स के चलते दस्तावेज सत्यापन के समय चयन से बाहर कर दिया गया था। जेएसएससी ने दस्तावेज सत्यापन के समय कई अभ्यर्थियों को यह कहते हुए चयन से बाहर कर दिया कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार एक वर्षीय बीएड कोर्स ही न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के लिए मान्य है।हाई कोर्ट ने दी राहत इसके खिलाफ विप्लव दत्ता सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश औ...