संभल, मार्च 19 -- संभल के ऐतिहासिक नेजा मेला को दो वर्ष पूर्व कमेटी की संस्तुति पर तत्कालीन एसडीएम ने 'सद्भावना मेला' के नाम आयोजित करने का प्रस्ताव दिया था। यह मेला वर्षों से धार्मिक और सामाजिक परंपराओं का प्रतीक रहा है। एक हजार साल पुरानी इस परंपरा को लेकर प्रशासनिक हस्तक्षेप, धार्मिक आस्था और सामाजिक सुधार की बहस लंबे समय से चल रही है। नेजा मेला का आयोजन सैय्यद सलार मसूद गाजी की याद में किया जाता है। लोककथाओं के अनुसार, सलार मसूद ने संभल में पृथ्वीराज चौहान की सेना के खिलाफ युद्ध किया था। इस युद्ध में घायल होने के बाद, वे बहराइच की ओर चले गए, जहां उनकी मृत्यु हुई। इसी मार्ग में जहां-जहां उन्होंने पड़ाव डाला, वहां नेजा मेले की परंपरा बनी। परंपरा के अनुसार होली के बाद दूसरे मंगलवार को यह मेला ग्राम शहबाजपुर सूरा नगला में आयोजित किया जाता...
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