लखनऊ, सितम्बर 18 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता जुलाई से अब तक दो महीने का मानदेय नहीं मिलने की वजह से मिड डे मील वर्कर्स (मध्यान्ह भोजन रसोइया) के सामने अर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। प्रदेश भर में राजकीय विद्यालयों में कार्यरत सवा छह लाख रसोइयों को जुलाई के बाद से मानदेय नहीं दिया गया है। जानकारों का कहना है कि 11 माह काम करने पर 10 माह का मानदेय पाने वाले रसोइयों के लिए शासन स्तर से ही मानदेय की राशि जारी नहीं की गई है। जानकारों का कहना है कि सरकार रसोइयों को मानदेय के रूप में मात्र दो हजार रुपये प्रतिमाह देती है लेकिन उसके भुगतान में भी अधिकारी मनमानी करने पर रहे हैं। स्कूल महानिदेशालय से इसके लिए शासन को पत्र भेजा जा चुका है फिर भी शासन की ओर से इस मद के लिए धन जारी नहीं किया गया है।

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