चमोली, फरवरी 21 -- कर्णप्रयाग। पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में संस्कृत विभाग की ओर से आयोजित भारतीय ज्ञान परंपरा में वैश्विक चेतना विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी संपन्न हो गई। कार्य्रकम में झारखंड, पंजाब, दिल्ली विवि, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ राज्यों से विभिन्न शोधार्थियों एवं सहायक प्राध्यापकों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया। डॉ. पंकज कुमार ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को जल्द ही स्थापित करना आवश्यक है जिससे मानव जाति का वांछित कल्याण हो सके। कार्यक्रम संयोजक डॉ. मृगांक मलासी ने दो दिनों हुए सेमिनार में सभी सत्रों का सार सभी के समक्ष रखा। मुख्य वक्ता डॉ. अंथवाल ने ऐतिहासिक परंपरा के परिदृश्य में अपनी बात रखी। डॉ. वीपी भट्ट ने वनस्पतियों के परिदृश्य में वैदिक वांग्मय के आलोक में तथ्यों को रखा...