गोरखपुर, मार्च 1 -- गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता रामदयाल ने दो दिन पहले गांव के एक युवक पर लाठी से हमला कर दिया था। घायल युवक के पिता ने पुलिस बुला ली थी। पुलिस उसे पकड़कर ले जा रही थी लेकिन राम दयाल के बुजुर्ग दादा ने घायल युवक के पिता का हाथ-पैर जोड़कर पौत्र को छोड़ने का आग्रह किया था। इसके बाद पीड़ित के पिता ने शिकायत वापस ले ली थी। इस वजह से राम दयाल जेल नहीं गया था। अब घटना के बाद गांव के लोग कह रहे हैं कि काश! उसके दादा कुबेर और दादी ने जेल जाने से उसे नहीं रोके होते तो शायद उनकी जान नहीं जाती? दरअसल, रामदयाल ने दो दिन पहले गांव के रहने वाले सुरेश यादव के बेटे नीरज यादव को बिना किसी कारण के ही लाठी से मार दिया था। इस मामले में पुलिस आई थी। पुलिस रामदयाल को साथ लेकर जा रही थी लेकिन बुजुर्ग कुबेर और उनकी पत्नी ने अपने इकलौते पौत्र को छोड़...