कटिहार, सितम्बर 8 -- कटिहार, निज प्रतिनिधि। देश बंटवारे के समय या 1962, 65 और 71 के चीन व पाक युद्ध के बाद चीन या पाकिस्तान में जाकर बसने वाले लोगों की संपत्ति को शत्रु सम्पत्ति घोषित किया गया है l केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शत्रु सम्पत्ति को चिन्हित करते हुए भारत सरकार के नाम इसकी जमाबंदी कराने का निर्देश दिया था l ताकि इस पर सरकार का क़ब्ज़ा हो सके तथा मूल्यांकन समिति से इसके मूल्य का आकंलन कर नीलामी की जा सके l साथ ही सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजना के लिए भी शत्रु सम्पत्ति की जमीन और संपदा का उपयोग किया जा सके l जिले में 17 शत्रु सम्पत्ति है l 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सात शत्रु संपत्ति की जमाबंदी का काम पूरा हो चुका है l 10 का दाखिल- खारिज का काम पिछले दो दशक से लम्बित पड़ा है l हालांकि राज्य में शत्रु सम्पत्ति की जमाबंदी मामल...