दरभंगा, सितम्बर 14 -- दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी मैथिली विभाग में मैथिली नाटक एवं रंगमंचक विकास यात्रा विषय पर शनिवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार ऋषि वशिष्ठ ने कहा कि नाटक को पंचम वेद कहा गया है। रंगमंच ने देश की आज़ादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि समकालीन परिवेश में नाटक समाज के सबसे निचले तबके से लेकर सरकारी स्तर तक, हर तरह के लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने अभिनय के आंगिक, वाचिक, सात्विक और आहार्य तत्वों को महत्वपूर्ण माना। नाटककार का अस्तित्व नाटक की मंचीयता में निहित है। इसीलिए गांव से लेकर शहर तक नाटकों की प्रस्तुति और मंचन होना बेहद जरूरी है। बताया कि महेंद्र मलंगिया, अरविंद अक्कू, कुणाल, आनंद कु...
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