नई दिल्ली।, नवम्बर 26 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने देश की अदालतों (सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों और ट्रायल कोर्ट) में लंबित 5.4 करोड़ मामलों के विशाल बैकलॉग को प्रणाली में गहरी संरचनात्मक बाधाओं का परिणाम बताया है। सोमवार को शपथ लेने के बाद CJI ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक वैज्ञानिक और व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। CJI के द्वारा मंगलवार को दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश के विभिन्न न्यायिक स्तरों पर लंबित मामलों में सबसे अधिक ट्रायल कोर्ट में है। विभिन्न हाईकोर्ट में इसकी संख्या करीब 63.8 लाख है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में 90,000 से अधिक मामले लंबित हैं। CJI सूर्यकांत ने लंबित मामलों को मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे की तीव्र कमियों का परिणाम बताया और इससे निपटने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्हो...