मेरठ, जुलाई 18 -- समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी, जिसमें कल्प वृक्ष भी शामिल था। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वृक्ष स्वर्ग में स्थित है और मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर जो श्रद्धालु श्रद्धाभाव से जो मनोकामना मांगते है वह अवश्य पूर्ण होती हैं। भारत में पांच कल्पवृक्ष हैं, जो कि अलग अलग राज्यों में हैं। इनमें से एक कल्पवृक्ष मेरठ के गोल मंदिर में है। इस वृक्ष के कल्पवृक्ष का सत्यापन देहरादून लैब ने भी किया है। देहरादून लैब से इसका प्रमाण पत्र भी दिया गया है। शास्त्रीनगर स्थित गोल मंदिर में 21 जुलाई को शिव परिवार की स्थापना की जाएगी। इससे पहले मंदिर परिसर स्थित प्राचीन कल्प वृक्ष का पूजन किया जाएगा। कल्पवृक्ष का पूजन पांच किन्नर करेंगे। किन्नरों को कल्पवृक्ष का रक्षक बताया जाता है। मान्यता है कि किन्नरों के पास आलौकि ...