नई दिल्ली, मई 12 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैन सभा धर्मार्थ ट्रस्ट को निर्देश दिया है कि वह देवी पद्मावती की मूर्ति के लिए मंदिर में स्थान आरक्षित रखे और वहां सभी धार्मिक अनुष्ठान सुनिश्चित करे। यह आदेश उस याचिका पर आया, जिसमें कहा गया था कि वर्ष 1978 से मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति को साल 2018 के जीर्णोद्धार के बाद उसके मूल स्थान पर नहीं लौटाया गया। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मूर्ति दशकों से मंदिर में स्थापित थी। उसकी पूजा की जाती थी। आस्था के मामलों की इस प्रकार उपेक्षा नहीं की जा सकती। उसे जीर्णोद्धार के बाद मूर्ति को वहां से हटाया नहीं जाना चाहिए। कोर्ट 28 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई करेगा।

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