देहरादून, अक्टूबर 30 -- उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत दून विश्वविद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकसंस्कृति के रंगों की ऐसी छटा बिखरी कि पूरा परिसर देवभूमि की परंपराओं से महक उठा। लोकगीत, लोकनृत्य और शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार की समृद्ध लोक विरासत को मंच पर जीवंत कर दिया। पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-दमाऊं की थाप और मधुर लोकधुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाना और युवाओं में परंपराओं के प्रति सम्मान का भाव जगाना था। प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्वतीय लोकजीवन की सरलता, सामूहिकता, रीति-रिवाजों और पारिवारिक एकजुटता की झलक पेश की। दर्शक भी इन मनमोहक प्रस्तुतियों पर थिरकने से खुद को रोक न...