कुशीनगर, सितम्बर 8 -- कुशीनगर। पितृपक्ष सोमवार से प्रारंभ होगा तथा श्राद्ध व पितृ विसर्जन 21 सितम्बर दिन रविवार को होगा। मान्यता है कि देवताओं की पूजा में भूल होने पर देवता क्षम्य कर देते हैं, लेकिन पितृ पक्ष में गलती होने पर पितर असंतुष्ट होकर दु:ख प्रदान करते हैं। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि पितृपक्ष 8 सितम्बर दिन सोमवार से आरम्भ होगा। इस वर्ष पितृ पक्ष 14 दिन का है। मध्याह्ने श्राद्धम् समाचरेत अतः पार्वण श्राद्ध मध्याह्न में ही करना चाहिए। बहुत लोग इस बात से भ्रमित रहते हैं कि इस वर्ष अपनी कन्या या पुत्र का विवाह आदि मांगलिक कार्य किये हैं। अतः इस वर्ष पितृ पक्ष का जल दान, अन्न दान व पिण्ड दान न करें। यह अशुभ है, परन्तु निर्णय सिंधुकार के कथनानुसार सभी मांगलिक कार्यों में पितृ कार्य उत्त...