चतरा, नवम्बर 1 -- चतरा, संवाददाता। देव जागरण का महापर्व देवउत्थान शनिवार को मनाया जायेगा। शुक्रवार को व्रत का नहाय-खाय और संयत किया गया। देवोत्थान एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी और देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकाण्ड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि श्रीहरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत 1 नवंबर दिन शनिवार को ही मनाया जाएंगे। क्योंकि इसी दिन उदय कालीन एकादशी तिथि है। एकादशी तिथि का प्रारंभ शुक्रवार को रात्रि 4:02 पर ही हो जाएगा। जो शनिवार की देर रात 2:57 तक रहेगा। 2 नवंबर रविवार को उदय कालीन द्वादशी तिथि रहेगा। पुरे चार माह शयन के बाद भगवान नारायण देवोत्थान के दिन निद्रा से जागते हैं। उनके जागरण के साथ ही 4 माह से बंद शुभ और मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू हो जाते हैं। भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को ...