बक्सर, फरवरी 3 -- अनदेखी विदेशी पक्षियों का आश्रय स्थल और आजीविका का स्रोत था 12 मार्च 2024 को इसका आधिकारिक नामकरण किया गया फोटो संख्या-13, कैप्सन- बदहाल पड़ा गोकुल जलाशय। चक्की, एक संवाददाता। जिले के गायघाट स्थित गोकुल जलाशय प्रशासनिक उपेक्षा के कारण सूखने लगा है। जल संरक्षण के अभाव में इस ऐतिहासिक जलाशय का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। गोकुल जलाशय कभी विदेशी पक्षियों का आश्रय स्थल और स्थानीय मछुआरों के लिए आजीविका का स्रोत था। सर्दी और गर्मियों में यहां काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते थे। लेकिन, जलस्तर कम होने से जलाशय का क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है। जिससे पशु-पक्षी ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण भी प्रभावित हो रहे हैं। यह जलाशय दियारा क्षेत्र का प्रमुख जलस्रोत था। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे द्वारा 12 ...