नई दिल्ली, मार्च 4 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि दृष्टिहीन लोग भी जज बन सकते हैं। दिव्यांगों के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था को ज्यादा समावेसी और सहज बनाना है। ऐसे में दृष्टिहीन लोगों को जज बनने से रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने एक कानून को रद्द करते हुए कहा कि दृष्टिहीन लोग भी न्यायिक परीक्षा में हिस्सा लेने के हकदार हैं। इस प्रोफेशन में अक्षमता प्रतिभा के आगे बाधा नहीं बन सकती। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर माहेदवन की बेंच ने कहा कि मेडिकल एक्सपर्ट द्वारा किया गया क्लीनिकल असेसमेंट किसी दिव्यांग शख्स को उसके अधिकारों से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता। पीठ ने दृष्टिबाधित और दृष्टिहीन अभ्यार्थियों को न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति से बाहर रखने वाले मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियम की श...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.