नई दिल्ली, जुलाई 22 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। दूसरे दलों से भाजपा में आए नेता कई बार पार्टी की समस्या बने हैं। भाजपा में दूसरे दलों से आए नेताओं में अधिकांश पार्टी के साथ अपनी पटरी नहीं बिठा पाए हैं। कभी उनके बयान तो कभी उनके कार्य या कभी उनकी असहजता सामने आती रही है। खासकर दूसरे दलों से आए जाट समुदाय के नेताओं को लेकर पार्टी की दिक्कतें बनी रही है। इसके पहले समाजवादी पृष्ठभूमि से आए सतपाल मलिक के साथ भी पार्टी की पटरी नहीं बैठी। राज्यपाल पद पर रहते हुए मलिक ने भाजपा की केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा था। हरियाणा के नेता भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह के साथ भी भाजपा की पटरी नहीं बैठ पाई और अब राजस्थान के जाट समुदाय से आने वाले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ दिक्कत इतनी बढ़ी कि उनको इस्तीफा तक देना पड़ा। इसस...
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