नई दिल्ली, मार्च 27 -- पाकिस्तान में इस्लामिक विचारधारा परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली पत्नी को बिना बताए दूसरी शादी करता है तो पहली पत्नी को तलाक यानी विवाह रद्द करने का अधिकार होगा। परिषद ने इसे शरिया कानून के खिलाफ बताया और सुप्रीम अदालत के फैसले को खारिज कर दिया। संगठन ने कहा कि इस फैसले को परिषद की अगली बैठक में एजेंडे में लाया जाएगा।सुप्रीम कोर्ट का फैसला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में एक अहम फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि कोई व्यक्ति बिना अपनी पत्नी की अनुमति के दूसरी शादी करता है, तो पहली पत्नी को विवाह अनुबंध समाप्त करने का अधिकार होगा। यह फैसला न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाया था और इसे फरयाल मकसूद व अन्य द्...