नई दिल्ली, जून 12 -- राजस्थान की सियासत में इन दिनों गर्मी से ज्यादा तपिश एक मुलाकात ने बढ़ा दी है। कांग्रेस के दो दिग्गज नेता-अशोक गहलोत और सचिन पायलट-एक लंबे सियासी टकराव के बाद अब एक ही मंच पर नजर आए हैं। मौका था सचिन पायलट के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि का, मंच दौसा में सजा, लेकिन निगाहें पूरे देश की टिकी रहीं। सवाल एक ही-क्या कांग्रेस के दो ध्रुव अब एक साथ आ रहे हैं? या फिर ये सिर्फ एक "पॉलिटिकल ड्रामा" का अगला एपिसोड है? पुरानी दुश्मनी, नई दोस्ती? राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर अशोक गहलोत का मौजूद होना महज शिष्टाचार नहीं था, बल्कि इसका एक गहरा राजनीतिक संदेश था। यही वो नेता हैं जिनके खिलाफ 2020 में सचिन पायलट ने बगावत कर दी थी। सरकार गिरने की कगार पर थी, विधायक मानेसर के रिसॉर्ट में थे और कांग्रेस आलाकमान की ...