वाराणसी, सितम्बर 10 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। भारतेंदु हरिश्चंद्र केवल हिंदी के उन्नायक ही नहीं बल्कि दूरदर्शी शिक्षाविद भी थे। उन्होंने हरिश्चंद्र शिक्षण संस्था की स्थापना करते समय ही समझ लिया था कि विकसित समाज का सपना शिक्षा के माध्यम से ही साकार हो सकता है। हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में आयोजित भारतेंदु जयंती समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु ने मंगलवार को ये बातें कहीं। उन्होंने भारतेंदु के 32 वर्ष के अल्प जीवनकाल को प्रेरणा का अप्रतिम उदाहरण बताते हुए कहा कि इतनी कम आयु में उन्होंने जो योगदान दिया उसकी मिसाल इतिहास में कहीं और नहीं मिलती। मुख्य वक्ता रंगकर्मी व्योमेश शुक्ल ने भारतेंदु को हिंदी भाषी समाज का 'आदि पूर्वज बताते हुए कहा कि साहित्यकार के रूप में उनकी दूरदृष्टि अद्वितीय थी। उन्होंने कविवच...