देहरादून, नवम्बर 8 -- दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि लोक और शास्त्रीय नृत्य हमारी सांस्कृतिक जड़ों का जीवंत प्रतीक हैं। ऐसे आयोजन छात्रों को न केवल सांस्कृतिक चेतना से जोड़ते हैं बल्कि उनकी सृजनात्मकता और अभिव्यक्ति क्षमता को भी समृद्ध करते हैं। उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर दून विश्वविद्यालय के थिएटर व संस्कृति विभाग ने लोक नृत्य व शास्त्रीय नृत्य पर पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। आईक्यूएसी निदेशक प्रो. एचसी पुरोहित ने कहा कि यह कार्यशाला नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्ति की विविधता को सिखाने का एक उत्कृष्ट प्रयास है। शास्त्रीय नृत्य प्रशिक्षण का संचालन शिवानी मिश्रा, निदेशक शिवोहम प्रोडक्शन, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और कोरियोग्राफर ने किया। उनके साथ सौरभ त्रिपाठी और सह-प्रशिक्षक सृष्टि तिवारी के रूप...