देहरादून, अप्रैल 30 -- दून पुस्तकालय व शोध केंद्र में बुधवार को मुशायरा व कवि सम्मलेन आयोजित किया गया। इसमें शायरों ने प्यार मुहब्बत और सामाजिक ताने बाने पर गीत गजलें सुनाकर वाहवाही लूटी। चंडीगढ़ से आए मशहूर शायर नवीन नीर ने कहा कि झूठों ने की तरक्की वो महलों को पा गए। सच्चे हमारे जैसे तो सड़कों पे आ गए, कुर्सी पे बैठना है तो होशियार अब रहो। लकड़ी के कीड़े कितनी ही शीशम को खा गए । उन्होंने जब यह चार मिसरे पढ़े तो तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा। मुशायरे की शुरुआत मोनिका मंतशा ने सरस्वती के एक गीत से की, वहीं युवा शायर अमजद खान अमजद ने नात सुनाई। इसके बाद शायरी का सिलसिला चलता रहा। इस अवसर पर कुमार विजय द्रोणी, हरियाणा से आए वरिष्ठ शायर शमीम हयात, युवा कवि शिवकुमार कुशवाहा आदि ने प्रस्तुति दी। उपायुक्त राज्य कर संजीव कुमार त्रिपाठी...
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