नई दिल्ली, मई 28 -- सुप्रीम कोर्ट ने 40 वर्षीय महिला से दुष्कर्म के आरोपी 23 वर्षीय युवक को बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि आरोपी नौ महीने से जेल में होने के बावजूद उसके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए। अदालत ने कहा कि पीड़िता 'बच्ची नहीं है और 'एक हाथ से ताली नहीं बजती। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने तीखी टिप्पणी करते हुए यह भी पूछा कि दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला कैसे दर्ज कर सकती है, जबकि महिला स्वेच्छा से उसके साथ गई थी। पीठ ने कहा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती। आपने (दिल्ली पुलिस) किस आधार धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया है। वह बच्ची नहीं है। 40 साल की महिला है। वे दोनों एकसाथ जम्मू गए। आपने धारा 376 क्यों लगाई है। यह महिला सात बार जम्मू जाती है और ...