देहरादून, मार्च 27 -- उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जाखन क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले में पीड़िता के माता पिता द्वारा लिखे पत्र के सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार पोर्टलों में प्रकाशित करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। आयोग अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की जानकारी को सार्वजनिक करना किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन है, जो कि नाबालिग पीड़ितों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए प्रावधानों के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे मामलों में सभी संबंधित पक्ष कानून द्वारा निर्धारित गोपनीयता मानकों का पालन करें ताकि पीड़ित की पहचान और सम्मान की रक्षा हो सके। आयोग अध्यक्ष ने बताया कि इस प्रकरण में आयोग द्वारा पुलिस जांच करवाकर रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है।

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