रांची, दिसम्बर 11 -- रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने 14 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के 22 साल पुराने मामले में दोषी रवींद्र प्रसाद की अपील खारिज कर दी है। जस्टिस एके राय की कोर्ट ने दुमका सत्र न्यायालय के वर्ष 2003 में सुनाई गई सात साल की सश्रम कैद की सजा को सही ठहराया और आरोपी को तुरंत कोर्ट में आत्मसमर्पण करने का आदेश भी दिया है। आरोपी अभी जमानत पर था। अदालत ने कहा कि इस मामले में पीड़िता की गवाही विश्वसनीय है और उसे अस्वीकार करने का कोई आधार नहीं है। घटना 12 मार्च 2002 की है। दुमका के मसालिया थाना क्षेत्र में शिवरात्रि मेले के दौरान पीड़िता अपने पिता की मिठाई की दुकान पर मौजूद थी। रात करीब 8:30 बजे वह शौच के लिए निकली। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला आरोपी उसे जबरन बगल के सुनसान स्थान पर ले गया और दुष्कर्म किया। पीड़िता किसी तर...