रांची, अप्रैल 29 -- रांची, विशेष संवाददाता। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, कांके की छात्रा के साथ गैंगरेप मामले के सजायाफ्ता राजन उरांव को किशोर का लाभ देने का आग्रह हाईकोर्ट ने मंगलवार को ठुकरा दिया और प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी। प्रार्थी राजन उरांव की ओर से कहा गया था कि घटना के समय उसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी, इसलिए जुवेनाइल जस्टिस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उसे लाभ देना चाहिए। सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि जुबेनाइल के संबंध में छह साल बाद क्रिमिनल अपील में अपीलकर्ता ने मामला उठाया है। अनुसंधानकर्ता को उसने पूर्व में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी। घटना के छह वर्ष बीत जाने के बाद इस स्टेज में प्रार्थी के मेंटल स्टेटस का आकलन करना संभव नहीं है। इसलिए, प्रार्थी को किसी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए। फास्ट ट्रैक अदालत ने 12...