नई दिल्ली, अक्टूबर 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपपत्र खारिज कर दिया। मामले में उसे उसे शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोपी बनाया गया था। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर बाद में दर्ज की गई और आने वाले परिणामों का बदला लेने का एक जरिया थी। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर तभी दर्ज की गई जब आरोपी द्वारा अभ्यावेदन के बाद शिकायतकर्ता को उसके नियोक्ता द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया। मामले के अनुसार, नगर निगम में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने अपने सहकर्मी, सहायक राजस्व निरीक्षक, जिसके साथ उसकी दोस्ती पा...
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