नई दिल्ली, सितम्बर 29 -- कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिलाओं के प्रति सम्मान से संबंधित मनुस्मृति के एक श्लोक और महात्मा गांधी के एक कथन का हवाला देते हुए दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एस. रचैया ने चार सितंबर को जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए घटना की गंभीरता और पीड़िता द्वारा झेले गए सदमे को रेखांकित किया। सुनवाई के दौरान पीठ ने मनुस्मृति के एक श्लोक का हवाला दिया कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता, यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफला: क्रिया: जिसका अर्थ है कि जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है लेकिन जहां उनका अनादर होता है, वहां सभी कार्य निष्फल हो जाते हैं। जस्टिस रचैया ने गांधी के शब्दों को भी याद किया कि जिस दिन कोई महिला रात में सड़क पर स्वतंत्र रूप से चल सकेगी, उस दिन ...