नई दिल्ली, मई 29 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी के खिलाफ एफआईआर खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि एफआईआर कुछ और नहीं बल्कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण निराधार आरोपों से भरा 'झूठ का पुलिंदा है। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देना न्याय का मखौल उड़ाना और अदालत की प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग होगा। शीर्ष अदालत ने पाया कि महिला द्वारा लगाए गए आरोपों में बहुत भिन्नता थी और बयानों में विरोधाभास पाया। अदालत तेलंगाना हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाले व्यक्ति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एफआईआर रद्द करने की उसकी याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि उस्मानिया विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने एक ...