धनबाद, अक्टूबर 1 -- झरिया, वरीय संवाददाता। दुर्गापूजा के अवसर पर मंगलवार को सामाजिक संस्था इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी (आईएनए) द्वारा कला-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देवी दुर्गा की दीवार कला के माध्यम से 'बाल विवाह रोकने' का संदेश देने की पहल की गई। पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध पॉट पेंटिंग की तरह देवी-देवताओं की एक आकर्षक दीवार पेंटिंग के माध्यम से 'बाल विवाह रोकने' का संदेश दिया गया। इसमें बताया गया है कि हिंदू देवी-देवताओं में बाल विवाह की प्रथा नहीं थी। हमारे समाज में ऐसी प्रथा क्यों प्रचलित है। बताया गया कि बाल विवाह भारत में एक बुनियादी समस्या है। जिसकी शुरुआत प्राचीन काल में लड़कियों को आक्रांताओं से बचाने के लिए की गई थी। यह कलाकृति झरिया के हेटलीबांध स्थित आईएनए कार्यालय में रखी गई है। मौके पर आईएनए के संस्थाप...