आगरा, फरवरी 27 -- अपहरण और गैंगरेप के मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती। मेडिकल रिपोर्ट में दुराचार की पुष्टि नहीं हुई और पीड़िता के बयानों में विरोधाभास रहा। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में 7 आरोपियों को बरी कर दिया। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अर्जुन कुमार गौतम ने पैरवी की। वादी ने थाना न्यू आगरा में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसकी पुत्री 7 जून 2012 की सुबह छोटी बहन के साथ गई थी। घर लौटते समय आरोपितों ने सहयोगियों की मदद से उसका अपहरण कर लिया। बरामदगी के बाद पीड़िता ने आरोपित जितेंद्र उर्फ चीता, मोहर सिंह, भूरा, मुकेश और गिर्राज निवासी ताजगंज पर अपहरण और दुराचार का आरोप लगाया था। अभियोजन पक्ष ने वादी, पीड़िता और चिकित्सक सहित 7 गवाह पेश किए।

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