मेरठ, मार्च 5 -- मेरठ, प्रमुख संवाददाता। दुनियाभर में 12 अरब से अधिक पदार्थ (मैटेरियल) उपलब्ध हैं, लेकिन अभी तक बहुत सीमित संख्या में ही अध्ययन हो पाया है। पर्यावरण चुनौती और ऊर्जा के नए एवं अधिक स्थाई स्रोतों पर लगातार काम हो रहा है। हमें भविष्य में ऐसे शोध कार्यों पर काम करना है जो इस पृथ्वी को चुनौतियों से निपटने में सहायक बनें। इसमें सीओटू यानी कॉर्बन डाई ऑक्साइड का कम उत्सर्जन, वातावरण में मौजूद सीओटू को लेकर ठोस में बदलने एवं पर्यावरण अनुकूल एवं ऊर्जा के अधिक विश्वसनीय स्रोत हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाने में काम करना होगा। सीसीएसयू कैंपस स्थित भौतिक विज्ञान विभाग में मंगलवार को अटल सभागार में एफआरएमएसटी-2025 के उद्घाटन सत्र में देश-विदेश के भौतिक विज्ञानियों ने उक्त बात कही। सीसीएसयू कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला, दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता...