रामपुर, मार्च 26 -- बिलासपुर। सैय्यद सलीम मियां ने कहा कि कुरआन करीम को छोड़कर मुसलमान की कभी तरक्की नहीं हो सकती। कुरआन जो हमें राह बताता है, वह सबसे सीधा और अफज़ल रास्ता है। इसी से हमारी मंजिल के सबसे करीब है। वह नगर के मोहल्ला विशारतनगर स्थित जामा मस्जिद में सोमवार की रात बाद नमाजे तरावीह कुरआन मुकम्मल होने के मौके पर दीनी महफ़िल में तकरीर बयां कर रहे थे। कहा कि जब लोग कुरआन छोड़कर दूसरी जगहों से हिदायतें तलाश करेगें तो अल्लाह उन्हें गुमराह कर देगा। वह कभी हिदायतें पा नहीं सकते। कहा कि कुरआन हिदायत का नयाब चश्मा है। इस दौरान पिछले 50 वर्षों से लगातार मस्जिद में कुरआन की तिलावत करते चले आ रहे हाफिज वाहिद अली खां ने इस बार भी तिलावत की। जबकि उनके सामा ए फराइज हाफिज उस्मान द्वारा की गई। इससे पूर्व उलेमाओं के गले में फूलों के हार डालकर गुल...