जयपुर, अक्टूबर 7 -- जयपुर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल-सवाई मान सिंह (SMS) हॉस्पिटल। राज्यभर के गंभीर मरीज यहां उम्मीद लेकर आते हैं। लेकिन यहां उम्मीद नहीं, बिजली का करंट और सिस्टम की सुस्ती मरीजों की जान ले गई। जिस ट्रॉमा सेंटर में 8 मरीजों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ा, वहां दीवारों से करंट फैलता था, छत से पानी टपकता था और वायरिंग में रोजाना चिंगारियां उड़ती थीं। डॉक्टरों ने कई बार खतरे की घंटी बजाई, मगर अफसरों के कानों में रुई पड़ी रही। नतीजा-5 अक्टूबर की रात आग भभक उठी और सेकेंड फ्लोर के आईसीयू में 8 मरीजों की सांसें धुएं में घुट गईं। 2 दिन पहले ही चेतावनी दी गई थी: "पैनल खराब है, बड़ा हादसा हो सकता है" लाइव हिंदुस्तान के पास मौजूद दस्तावेज़ बताते हैं कि ट्रॉमा सेंटर के तत्कालीन नोडल ऑफिसर डॉ. अनुराग धाकड़ ने 3 अक्टूबर को ही अधीक्षक को पत्र...