हरिद्वार, जून 15 -- नगर निगम में हुए जमीन घोटाले के बाद अब दीपोत्सव कार्यक्रम की जांच भी शुरू होगी। इस कार्यक्रम में 70.36 लाख रुपये खर्च का बिल तैयार किया गया है। इसमें निगम ने छह रुपये का दीया, 10 रुपये की मोमबत्ती और दो रुपये की माचिस खरीदी थी जो बाजार मूल्य से अधिक है। इधर नगर आयुक्त ने आधे भुगतान पर रोक लगा दी है, जबकि 35 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मालूम हो कि तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी के कार्यकाल की जांच होनी है, जिसके तहत अब दीपोत्सव कार्यक्रम की जांच भी शुरू होने वाली है। 11 नवंबर 2024 को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हरिद्वार में नगर निगम की ओर से 80 गंगा घाटों में पर 2.50 लाख मिट्टी के दीपक जलाने का दावा किया था।

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