हजारीबाग, अक्टूबर 19 -- हजारीबाग, शिक्षा प्रतिनिधि। दीवाली पर जुआ खेलने की पुरानी परंपरा चली आ रही है। जिसको लेकर दिवाली से पूर्व दशहरा के साथ ही जुआरी सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में इन जगहों पर आपराधिक घटनाएं होने की भी आशंका रहती है। इसलिए पुलिस भी चौकन्ना रहती है। बावजूद कई जगहों यथा विशेषकर सूने इलाके, क्लब, मैदानों और दीपावली की रात चौक चौराहों, नुक्कड़ों के अतिरिक्त कुछ संभ्रांत घरों में जुआरियों की महफिल सजती है। जिसमें छोटे से लेकर बड़े बड़े दांव लगाएं जाते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दीपावली को किस्मत बदलने वाली रात मानकर ताश के पत्ते में अपने को अजमाते हैं। कहते हैं कि रोशनी और समृद्धि के त्योहार दिवाली पर ताश खेलने का पुराना चलन है। जिसके कारण बदलते परिवेश में अब ताश के पत्ते के साथ ऑनलाइन सट्टा खेलते हैं और सटोरी मोबाइल एप से सट्ट...