जमशेदपुर, अगस्त 5 -- झारखंड आंदोलन के दो प्रमुख चेहरे, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो और आभा महतो की शादी का सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि खुद दिशोम गुरु शिबू सोरेन थे। वर्ष 1978 में यह रिश्ता जुड़ा, जब शैलेंद्र महतो आंदोलन में सक्रिय थे और आभा महतो के पिता, जो सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे, गुरुजी के संपर्क में थे। उन्होंने अपनी बेटी के रिश्ते के लिए गुरुजी से चर्चा की, तो गुरुजी ने शैलेंद्र महतो का नाम सुझाया, जो तुरंत स्वीकार कर लिया गया। आगे चलकर यह जोड़ी संसद तक पहुंची और दोनों ने बारी-बारी से देश की सेवा की। आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहे गुरुजी शैलेंद्र महतो बताते हैं कि उस समय सिंहभूम में गुवा और सारंडा गोलीकांड जैसी घटनाएं हुई थीं, जिनमें निर्दोषों को आरोपी बना दिया गया था। गुरुजी ने इन लोगों को न केवल कानूनी समर्थन दिया, बल्कि जनता के बीच...