लखीमपुरखीरी, मई 1 -- पलियाकलां। बजाज चीनी मिल में स्थित बजाज देवालय में छह दिवसीय स्थापत्य वास्तु कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन आचार्य सुशील बलूनी ने वास्तु शास्त्र के भवन निर्माण संबंधी नियम, भूमि के प्रकार, अवस्था व उर्जा स्तरों की चर्चा की। आचार्य बलूनी ने भूगोल, खगोल व भूगर्भ पर विस्तार से चर्चा करते हुए वास्तु के आध्यात्मिक तथा प्रयोगात्मक पक्ष को समझाया। व्यक्ति को प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर जीवन को जीना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रकृति के पूर्ण नियमों की जानकारी प्राप्त कर प्रकृति के साथ स्वयं का समायोजन किस प्रकार करना है, यही वास्तु है। दुर्भाग्य से आज कुछ धन लोलुप लोगों ने इस विषय को व्यापार बनाकर कछुए-मेढक-दर्पण-व चाइनीज घंटियां बेचने का जरिया बना लिया है। लोग मूलभूत नियमों से दूर होकर इसमें टोटका ढूंढने लगे हैं। कैसे इससे बचने ...