नई दिल्ली, दिसम्बर 8 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में कहा है कि दिव्यांग आश्रितों के हित प्रशासनिक सुविधा से अधिक महत्व रखते हैं। अदालत ने माना कि दिव्यांग परिजन की देखभाल करने वाले कर्मचारियों को नियमित स्थानांतरण से छूट मिलनी चाहिए। मामला बीएसएफ की 171वीं बटालियन के सहायक सब-इंस्पेक्टर से जुड़ा है, जिनका बेटा 50 फीसदी स्थायी दिव्यांग है और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से जूझ रहा है। बेटे को दैनिक कार्यों के लिए भी सहायता की जरूरत होती है, इसलिए उसका सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल के पास रहना अनिवार्य है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली, कोलकाता या बेंगलुरु में तबादले की मांग की थी। पहले दिल्ली से सिलचर स्थानांतरण को चुनौती देने पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार किया था, लेकिन रिपोर्टिंग तिथि 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी थी। स...