मधुबनी, सितम्बर 2 -- सदर अस्पताल में जिले के सभी 21 प्रखंडों से दिव्यांग्ता प्रमाणपत्र के लिए आना मजबूरी है। पहले प्रखंड स्तर पर भी इसका सर्टिफिकेट बन जाता था, मगर अब इसके लिए जिलास्तरीय कैंप में पहुंचना अनिवार्य हो चुका है। वहीं पुराने दिव्यांग्ता प्रमाणपत्र धारी लोगों को भी डिजिटल मोड में आवेदन कर यूडीआईडी कार्ड लेना मजबूरी बन गयी है। हर जगह अब मेनुअल प्रमाणपत्र मान्य नहीं है। ऐसे में सदर अस्पताल में इन दिनों दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। हर दिन करीब 20 से 25 दिव्यांग यहां पर अपना दिव्यांग्ता प्रमाणपत्र बनवाने परिजनों के साथ पहुंचते हैं। मगर सही मायने में जानकारी नहीं रहने की वजह से उन्हें पहले ही दिन बिना किसी काम हुए वापस लौटना पड़ रहा है। लौकहा डुबरबोना के संतोष कुमार महता ने बताया कि वे आंख से दिव्यांग हैं।...
		
			Click here to read full article from source
			
			To read the full article or to get the complete feed from this publication, please 
Contact Us.