मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 9 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। दिव्यांगता विशेषज्ञ बनाने में फजीवाड़े का खुलासा सीआरआर नंबर से होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी सभी संसाधन शिक्षकों की जांच करेगी। दिव्यांगता के विशेषज्ञों को सीआरआर यानि सेंट्रल रिहैबिलिटी रजिस्टर नंबर मिलता है। इसे भारतीय पुनर्वास परिषद जारी करता है। दिव्यांगों को पढ़ाने और अलग अलग तरह की ट्रेनिंग देने को लेकर इसी के आधार पर मान्यता मिलती है। समावेशी शिक्षा के अनुबंध पर नियुक्त संसाधन शिक्षकों के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत मुजफ्फरपुर समेत सूबे के सभी संसाधन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी। डीईओ को मिला जिम्मा, दो दिन में करना है ...