कोडरमा, अक्टूबर 29 -- सतगावां, निज प्रतिनिधि। सतगावां प्रखंड के कुट्टा पंचायत अंतर्गत जोगीडीह गांव की कमली कुमारी ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो शारीरिक सीमाएं कभी भी जीवन की राह नहीं रोक सकतीं। दोनों पैरों से दिव्यांग कमली की ऊंचाई भले ही तीन फीट हो, लेकिन उनके हौसले आसमान छूते हैं। कमली जन्म से ही दिव्यांग हैं। शरीर का विकास नहीं हो पाया, और चलने-फिरने में उन्हें हमेशा कठिनाई होती रही। बचपन में ही मां का साया सिर से उठ गया और पिता ने दूसरी शादी कर ली। हालात इतने खराब हुए कि परिवार ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। कभी-कभी तो उन्हें दूसरों के घरों में रहकर, मांगकर अपना पेट भरना पड़ता था। जीवन संघर्षों से भरा था यहां तक कि एक समय ऐसा आया जब उन्होंने जहर खाकर अपनी जिंदगी खत्म करने की भी कोशिश की। लेकिन फिर उन्होंने ठान लिया क...