नई दिल्ली, अक्टूबर 6 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने उन सैकड़ों जमीन मालिकों के हक में फैसला सुनाया है जिनकी जमीनें 1989 में शहरी विकास और यमुना नदी के तटीकरण के लिए एक अधिसूचना के बाद सरकार की ओर से अधिग्रहित की गई थीं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन जमीन मालिकों की अधिग्रहत जमीन पर मुआवजा बढ़ाने का आदेश जारी किया है। अदालत ने किलोकरी, खिजराबाद, नंगली रजापुर और गढ़ी मेंडू गांवों के ग्रामीणों के लिए मुआवजा 89,600 हजार प्रति बीघा से बढ़ाकर 2 लाख रुपया प्रति बीघा कर दिया है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस तारा वितस्ता गंजू की आदालत ने किलोकरी, खिजराबाद, नंगली रजापुर और गढ़ी मेंडू गांव के किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए अधिग्रहित जमीनों के लिए मुआवजा 89,600 हजार रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति बीघा कर दिया। चूंकि जमीनें 1989 में अधिग...