नई दिल्ली, जुलाई 4 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने सिविल सर्विस परीक्षा (सीएसई) 2023 के पेपर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता यह सुझाव नहीं दे सकता कि प्रश्न पत्र में किस तरह से प्रश्न तैयार किए जाएं, जब तक कि प्रश्न या दिए गए उत्तरों में कोई अस्पष्टता न हो। न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर एवं न्यायमूर्ति अजय दिगपॉल की खंडपीठ ने कहा कि सीएसई में लाखों छात्र शामिल होते हैं। वर्ष 2023 की परीक्षा में छह लाख से अधिक छात्र शामिल हुए हैं। अदालत ने कहा कि इसके अलावा पेपर की कठिनाई का स्तर भी अधिक हो सकता है, क्योंकि इसमें शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या अधिक होती है। इसलिए पेपर तैयार करने वाले अधिकारियों को जोड़ों में कुछ हद तक बदलाव की अनुमति दी जानी चाहिए। सीएसई की प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं, यानी पेपर I ...