नई दिल्ली, अक्टूबर 18 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ के जवान को बर्खास्तगी को रद्द करते हुए उसे तुरंत बहाल करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि सेवा से बर्खास्तगी एक अत्यंत कठोर कदम है, जो कर्मचारी के परिवार को संकट में डाल देता है और उनकी आजीविका को अचानक और अपमानजनक रूप से बंद कर देता है। जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने 13 अक्टूबर को अपने फैसले में याचिकाकर्ता सीआरपीएफ कर्मचारी की बर्खास्तगी को रद्द करते हुए उसे फौरन बहाल करने का आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि बर्खास्तगी कोई नियमित कदम नहीं है, खासकर जहां कर्मचारी के खिलाफ लगे आरोप नैतिक पतन या वित्तीय या इसी तरह की अनियमितता से संबंधित न हों। सीआरपीएफ कर्मचारी को अधिकारियों द्वारा तीन आरोपों के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था :- ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.