नई दिल्ली, दिसम्बर 4 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहीन बाग के 50 साल के दुकानदार शमशाद को एक ऐसे मामले में अग्रिम ज़मानत दे दी है, जो पड़ोस में झगड़े के तौर पर शुरू हुआ था, लेकिन बाद में गंभीर आरोपों में बदल गया। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि भगोड़ा घोषित होने का मतलब यह नहीं है कि कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर विचार ना करे। हर मामले की अलग-अलग बातों पर जांच होनी चाहिए। इतना ही नहीं प्रत्येक मामले के अपने तथ्य व परिस्थितियां होती है। यह झगड़ा मार्च 2025 का है। शिकायत करने वाले के मुताबिक स्थानीय बाज़ार में एक झगड़ा मारपीट में बदल गया, जिसके दौरान शमशाद समेत कई लोगों ने शिकायत करने वाले के परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर हमला किया। एक मोबाइल फोन व नगदी छीन ली गई। इसके बाद गैर जमान...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.